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Sunday, May 2, 2010
स्क्वैश (SQUASH)/सन्नी कुमार
स्क्वैश(SQUASH) को 1998 में राष्ट्रमंडल खेलों में शामिल किया गया था उसके बाद से ही यह खेल राष्ट्रमंडल के मुख्य खेलों में शामिल है
स्क्वैश को पहले स्क्वैश रैकेट कहा जाता था
19 वीं शताब्दी में लन्दन के हैरो स्कूल में इस खेल का जन्म हुआ था
1860 में इस खेल का पहला कोर्ट हैरो(Harrow) इंग्लैण्ड में ही बना था
यह चार दीवारी में खेले जाने वाला खेल है जिसे एक समय में एकल स्पर्धा में दो और युगल स्पर्धा में चार व्यक्ति खेलते हैं
इसके कोर्ट की लम्बाई 32 फीट जबकि चौड़ाई 21 फीट होती है
इस खेल को रैकेट और एक छोटी रबर की बॉल के साथ खेलते हैं जिसमे बॉल का व्यास 39.5 से 40.5 मिलीमीटर और वज़न 23 से 25 ग्राम तक होता है
जबकि रैकेट की अधिकतम लम्बाई 686 मिलीमीटर (27.0 इंच) चौड़ाई 215 मिलीमीटर (8.5 इंच) और तारों वाले हिस्से का अधिकतम क्षेत्रफल 550 स्कवायर सेंटी मीटर होना चाहिए
इसके साथ ही वज़न 255 ग्राम से अधिक नहीं होना चाहिए परन्तु ज्यादातर खिलाडियों के रैकेट का वज़न 110 से 200 का ही होता है
अभी तक के हुए राष्ट्रमंडल खेलो में इस खेल की पदक की रेस में ऑस्ट्रेलिया 22 पदकों(6 स्वर्ण 7 रजत 9 कांस्य) के साथ सबसे आगे चल रहा है वहीँ भारत ने अभी तक केवल 2002 के पुरुष सिंगल में भाग लिया है
भारत को अभी अपने पहले पदक का इन्तजार है
19 वां राष्ट्रमंडल खेल दिल्ली के दरवाजे पर दस्तक दे रहा है
यहाँ होने वाले खेलों में स्क्वैश को पुरुष-एकल,महिला-एकल, पुरुष-युगल,महिला युगल और मिश्रित युगल के अंतर्गत खेला जाएगा यह सभी प्रतियोगिताएँ 4 से 13 अक्टूबर को दिल्ली के सीरी फोर्ट स्पोर्ट कॉंम्प्लेक्स में खेली जाएंगी
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