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Thursday, May 13, 2010
बज न सका कज़ाकिस्तान का राष्ट्रीय गीत/ स्मिता मिश्र
राष्ट्र मंडल खेल सर पर है . और तैयारियों का आलम यह है कि टेस्ट इवेंट के रूप में आयोजित की जा रही एशियाई कुश्ती प्रतियोगिता के दूसरे दिन स्वर्ण पदक विजेता कज़ाकिस्तान के पहलवान को प्रतीक्षा थी पोडियम पर चढ़ कर राष्ट्र धुन सुनने की. पर ये क्या हुआ?पदक पहनाने के बाद जब राष्ट्र धुन बजने की बारी आई तो माइक पर घे घे की आवाज़ आने लगी .कभी अंतरा बजता तो कभी मुखड़ा, किन्तु वह न बज सका जिसका कजाकी पहलवान को इंतज़ार था . आखिरकार थक कर stadiam में मौजूद दर्शको से गुहार लगाई गयी कि किसी को यदि कजाकी राष्ट्रगीत आता है तो वह गा दे.इस पर भी कुछ बात न बन सकी.दर्शको बेचारो कि बोलती तो सुरक्षा व्यस्था से दो चार होने में ही बंद हो चुकी थी. फिर क्या था , घबरा कर दूरदर्शन ने भी सीधा प्रसारण बंद कर दिया , और हमने भी रिमोट उठा कर टीवी का चैनल बदल दिया तो वहा गाना आ रहा था आगाज़ इतना हसीं है तो अंजाम क्या होगा .
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