कसाइयों ने की खेल की शुरुआत
रग्बी 7 को सेवन साइड के नाम से भी जाना जाता है यह खेल 1833 मे स्काटलैंड के मेलरोज स्थान पर शुरु हुआ सबसे रोचक बात यह रही कि इसका उद्भव स्काटलैंड के दो कसाई नीड हैग और डेविड सैंडरसन के द्वारा स्थानीय क्लब के लिये पैसा जुटाने के लिये किया गयापहला मैच स्काटलैंड के ग्रीनयार्ड मेलरोज मैदान में खेला गया यहाँ अज भी वार्षिक प्रतियोगिता आयोजित की जाती है एमेच्योर और प्रोफेशनल दोनो ही स्तरों पर यह खेल खेला जाता हैयह खेल दुनिया के लगभग हर हिस्से में खेला जाता है ,खास तौर पर अफ्रीका,यूरोप,एशिया और अमेरिका मे1998 मे मलेशिया मे हुए राष्ट्रमंडल खेलों में इसे पहली बार शामिल किया गया 2002 के मेनचेस्टर और 2006 के मेलबोर्न खेलों के बाद 2010 के दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों मे भी इसकी शुमारी है ओर चौथी बार खेले जाएंगे अभी तक हुए तीनों राष्ट्रमंडल प्रतियोगिताओं को न्यूजीलैंड की टीम ने ही जीता है यह रग्बी यूनियन का ही एक प्रकार हैइसमें एक टीम में 15 खिलाडी़ की जगह 7 खिलाडी़ होते हैं रग्बी-7 में 7-7 मिनट के दो हाफ होते हैं और 1 मिनट का ब्रेक होता हैइसका मैदान 100 मी. लंबा होता हैखेल के शुरु,मध्य या किसी टीम के स्कोर के बाद 50 मी. की लाइन से किक आफ होता हैदोनों टीमों के खिलाड़ियों को गेंद विपक्षी टीम के गोल पोस्ट की लाइन के पार छुआनी पड़ती हैइसमें प्रत्येक गोल पर 5 अंक मिलते हैं और 2 अंक शूट करने पर मिलते हैं यानी 7 अंक प्रत्येक गोल पर मिल सकते हैंखिलाड़ियों में दो पोजीशन होती हैं फारवर्ड और बैक फारवर्ड की कद काठी मजबूत होती है इनका मुख्य कार्य विपक्षी टीम को रोकने और बल प्रयोग करना होता है जबकि बैक पतले और फुर्तीले होते हैंइनका मुख्य काम गोल करना होता हैइसकी खास बात यह है कि इसमें पासिंग पीछे के खिलाड़ी को करना होता हैबाल को आगे पास करना नियमों के विरुद्ध होता है यदि कोई खिलाड़ी आगे को पास करता है तो रेफ्री बाल की पजेशन विपक्षी टीम को दे देता हैजब बाल दोनो टीम के बीच होल्ड हो जाती है तो स्क्रम होता है जिसमे दोनों टीम के खिलाड़ी लाकिंग हैड की पोजीशन मे आते हैं और बाल को अपने कब्जे में रखने की कोशिश करते हैं
रग्बी 7 को सेवन साइड के नाम से भी जाना जाता है यह खेल 1833 मे स्काटलैंड के मेलरोज स्थान पर शुरु हुआ सबसे रोचक बात यह रही कि इसका उद्भव स्काटलैंड के दो कसाई नीड हैग और डेविड सैंडरसन के द्वारा स्थानीय क्लब के लिये पैसा जुटाने के लिये किया गयापहला मैच स्काटलैंड के ग्रीनयार्ड मेलरोज मैदान में खेला गया यहाँ अज भी वार्षिक प्रतियोगिता आयोजित की जाती है एमेच्योर और प्रोफेशनल दोनो ही स्तरों पर यह खेल खेला जाता हैयह खेल दुनिया के लगभग हर हिस्से में खेला जाता है ,खास तौर पर अफ्रीका,यूरोप,एशिया और अमेरिका मे1998 मे मलेशिया मे हुए राष्ट्रमंडल खेलों में इसे पहली बार शामिल किया गया 2002 के मेनचेस्टर और 2006 के मेलबोर्न खेलों के बाद 2010 के दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों मे भी इसकी शुमारी है ओर चौथी बार खेले जाएंगे अभी तक हुए तीनों राष्ट्रमंडल प्रतियोगिताओं को न्यूजीलैंड की टीम ने ही जीता है यह रग्बी यूनियन का ही एक प्रकार हैइसमें एक टीम में 15 खिलाडी़ की जगह 7 खिलाडी़ होते हैं रग्बी-7 में 7-7 मिनट के दो हाफ होते हैं और 1 मिनट का ब्रेक होता हैइसका मैदान 100 मी. लंबा होता हैखेल के शुरु,मध्य या किसी टीम के स्कोर के बाद 50 मी. की लाइन से किक आफ होता हैदोनों टीमों के खिलाड़ियों को गेंद विपक्षी टीम के गोल पोस्ट की लाइन के पार छुआनी पड़ती हैइसमें प्रत्येक गोल पर 5 अंक मिलते हैं और 2 अंक शूट करने पर मिलते हैं यानी 7 अंक प्रत्येक गोल पर मिल सकते हैंखिलाड़ियों में दो पोजीशन होती हैं फारवर्ड और बैक फारवर्ड की कद काठी मजबूत होती है इनका मुख्य कार्य विपक्षी टीम को रोकने और बल प्रयोग करना होता है जबकि बैक पतले और फुर्तीले होते हैंइनका मुख्य काम गोल करना होता हैइसकी खास बात यह है कि इसमें पासिंग पीछे के खिलाड़ी को करना होता हैबाल को आगे पास करना नियमों के विरुद्ध होता है यदि कोई खिलाड़ी आगे को पास करता है तो रेफ्री बाल की पजेशन विपक्षी टीम को दे देता हैजब बाल दोनो टीम के बीच होल्ड हो जाती है तो स्क्रम होता है जिसमे दोनों टीम के खिलाड़ी लाकिंग हैड की पोजीशन मे आते हैं और बाल को अपने कब्जे में रखने की कोशिश करते हैं
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